उत्तर-प्रदेश

*लम्बित भुगतान, सचिवालय प्रवेश, लघु एवं मध्यम समाचार-पत्रों को बजट का 50 प्रतिशत विज्ञापन दिए जाने की आईना ने की मांग

महिला पत्रकारों के लिए अलग कक्ष बनाए जाने की भी मांग।
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लखनऊ, आल इंडिया न्यूज़ पेपर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल नवनियुक्त निदेशक विशाल सिंह जी से मिला मिडिया कर्मियों की समस्याओं को लेकर 6 सूत्री मांग पत्र भी उन्हें दिया गया ।


उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक द्वारा मीडियाकर्मियों की अनेक समस्याओं के निवारण हेतु जिस तरह प्रयास किया जा रहा है उससे यह आभास होने लगा है कि अनेक वर्षों से मीडिया कर्मियों की लंबित पेंशन, आवास, परिवहन, स्वास्थ्य आयुष्मान कार्ड जैसी अनेक समस्याओं का निवारण अति शीघ्र देखने को मिलेगा।

समाचार पत्रों की पंजीकृत संस्था ‘‘ऑल इंडिया न्यूज़पेपर एसोसिएशन’’ (आईना) द्वारा विशाल सिंह से मुलाकात करके संस्था द्वारा समाचार संस्थानों से जुडे समस्त मीडिया कर्मियों के हितों एवं उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु किये जा रहे सतत् प्रयासों से अवगत कराया गया एवं संस्था द्वारा प्रतीक चिन्ह देकर समाचार पत्रों की समस्याओं से अवगत कराते हुए 6 प्रमुख बिन्दुओं पर आधारित मांग पत्र दिया गया।
आईना के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री अजय वर्मा ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में समाचार-पत्र जगत अपने अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है। यह ऐसा संकट है जिसमें समाचार पत्रों से संबद्ध विभिन्न विभागों का संबल नहीं मिल रहा है और बहुत से अखबारों के बंद होने का खतरा पैदा हो गया है। एक तरफ डीजिटल मीडिया माध्यमों की उपस्थिति, दूसरी तरफ अनेक नियम कानून से बंधा समाचार पत्र एवं न्यूजप्रिंट आदि की बढ़ती लागत समाचार पत्र के स्थायित्व को प्रभावित कर रही हैं । ऐसे में इस भय की अभिव्यक्ति जरूरी हो जाती है कि कहीं समाचार पत्र उद्योग का अस्तित्व
ही समाप्त न हो जायें।
उत्तर प्रदेश के समाचार पत्रों का प्रतिनिधत्व कर रहेे प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह ने सूचना निदेशक को अवगत कराया गया कि अखबारों और पत्रिकाओं की जिम्मेदार संस्था होने के नाते आईना द्वारा इन चुनौतियों के चलते समाचार पत्रों को ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए अनेक ऐसे प्रयास किये गये हैं जिससे सशक्त और आईना दिखाती खबरों के समाचार पत्रों का दौर चलता रहे और समाचार पत्र राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते रहें ।
संगठन मंत्री ज्ञानी त्रिवेदी द्वारा सूचना निदेशक से लघु एव मध्यम समाचार पत्रों को विज्ञापन के माध्यम से वित्तिय सहायता हेतु अनुरोध किया गया और बताया गया कि समाचार-पत्र जगत स्वतंत्रता और निर्भीकता से तभी कार्य कर सकता है जब वित्तीय संसाधनों की पूर्ती सम्भव हो जिसका मुख्य स्रोत कहीं न कहीं सरकारी विज्ञापनों से होने वाली आय है । वीडियों जर्नलिस्टों की समस्याओं से अवगत कराते हुये अनिल सैनी द्वारा अनेक सुझाव दिये गये जिन पर सूचना निदेशक विशाल सिंह द्वारा गम्भीरता से सुनने के उपरांत वीडियों जर्नलिस्टों के साथ एक अलग बैठक करने का आश्वासन दिया है।
आईना महिला अध्यक्षा गुरमीत कौर और राष्ट्रीय उपाध्यक्षा रेनू निगम द्वारा समाचार पत्रों की वर्तमान हालात को देखते हुये बताया गया कि जिस तरह समाचार पत्र जगत पर नये नये कानून और नियम बनाए जा रहे हैं उससे ये कहना यथोचित है कि समाचार पत्रों को जिंदा रखने के लिए सहायता की जरूरत है जो सूचना विभाग से ही सम्भव है एवं समाचार पत्रों में कार्यरत अनेक महिलाओं के लिये सूचना विभाग प्रांगढ़ में एक कक्ष की व्यवस्था की मांग की गयी है।
ऑल इंडिया न्यूज़पेपर एसोसिएषन (आईना) द्वारा 6 मांगों को प्रमुखता से सूचना निदेशक के सम्मुख रखा गया जिसके अवलोकन और विचार विमर्श उपरांत सूचना निदेशक द्वारा सभी मांगों का जायज़ बताते हुये यथाशीघ्र कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया गया है।
1. एक प्रकाशक, एक समाचार पत्र . – One Publisher, One Publication
सरकारी योजनाओं के व्यापक स्तर पर प्रचार किये जाने हेतु ये अत्यंत आवश्यक है कि ज्यादा से ज्यादा समाचार पत्रों में प्रचार सामग्री का प्रकाशन कराया जायें एवं विगत वर्षों में केन्द्र सरकार के अनेक विभागों द्वारा एक प्रकाशक, एक समाचार पत्र की नीतियों के आधार पर विज्ञापन निर्गत किये गये है।
2. लघु एवं मध्यम समाचार-पत्रों को विभाग की प्रदर्शन (सजावटी )विज्ञापन मद में प्राप्त बजट का 50 प्रतिशत सीमा तक विज्ञापन दिया जाये।
सरकारी विज्ञापनों का प्रयोजन योजनाओं का प्रचार-प्रसार होता है। फिर भी प्रसार संख्या, निरन्तर प्रकाशन की अवधि, कवरेज क्षेत्र और लक्ष्य समूह के दृष्टिगत विभिन्न श्रेणी के प्रकाशनों में संतुलन के उद्देश्य से डिस्प्ले विज्ञापनों के बजट में इन मापदंडों का पालन किया जायेगा.
3. लम्बित भुगतानों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाना।
समाचार पत्रों के वर्ष 2022, 2023 एवं 2024 से लम्बित भुगतानों को तत्काल कराये जाने हेतु उचित दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को प्रमुख रुप से दिया जाए ।
4. समाचार प्रतिनिधियों हेतु पुस्तकालय, कम्प्यूटर कक्ष की व्यवस्था हेतु। पुनर स्थापित किया जाए पूर्व में यह सुविधा पत्रकारों को प्राप्त थी।
सूचना निदेशालय के प्रांगण मे देश-विदेश से आने वाले मीडियाकर्मियों हेतु एक मीडिया कक्ष की स्थापना किया जाना सुनिश्चित करें जिसमें पुस्तकेें, फोटोकॅापी, कम्प्यूटर, प्रिंटर आदि की व्यवस्था को व्यावसायिक दर पर उपलब्ध कराये जाने हेतु।
5. महिला मीडियाकर्मियों के लिये अलग कक्ष की व्यवस्था हेतु।
सुरक्षित, सम्मानजनक और समावेशी कार्य वातावरण आवश्यक है, जहां उन्हें भेदभाव, उत्पीड़न या लिंग के आधार पर पूर्वाग्रहों का सामना नहीं करना पड़ता है. साथ ही, उन्हें अपने काम और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने के लिए समर्थन मिलना चाहिए
6. पत्रकारों को सचिवालय प्रवेश पत्र जारी किये जाने हेतु।
खबरें समाज का आईना होती हैं और कलमकार की कलम जब खबरों से समझौता नहीं करती है तो पूरे सरकारी तंत्र को आईना दिखाती है, ऐसे में खबरों की प्रमाणिकता हेतु शासन प्रशासन के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से वक्तव्य हेतु सचिवालय आदि भवनों में प्रवेश हेतु सचिवालय प्रवेश पत्र जारी किया जाना।

Lahar Ujala

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