लखनऊ में एम्स परीक्षा के दौरान अव्यवस्थाः डेढ़ घंटे देरी, अभिभाव आक्रोश , पुलिस ने संभाली स्थिति

लखनऊ।
लखनऊ में एम्स NORCET 8 परीक्षा को लेकर भारी अव्यवस्था और लापरवाही का मामला सामने आया है। जिन छात्रों का परीक्षा समय सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे निर्धारित था, उन्हें रिपोर्टिंग के लिए सुबह 6:30 बजे बुला लिया गया। 7 बजे से 8:30 एंट्रीकिया गया एग्जाम हॉल में ,सैकड़ों छात्र-छात्राएं अपने परिवार के साथ लखनऊ के अलग-अलग कोनों से पहुंचे, लेकिन उन्हें जिस दुर्व्यवस्था का सामना करना पड़ा, वह बेहद शर्मनाक है।
सेंटर Metro Info Solution, प्लॉट नंबर-5, हुसरिया, खड़गपुर रेलवे क्रॉसिंग, गोमती नगर एक्सटेंशन, लखनऊ।
सुबह से ही छात्र सेंटर में प्रवेश करवा दिए गए, लेकिन जब सुबह 11:10 बजे तक भी परीक्षा शुरू नहीं हुई, तो बाहर मौजूद अभिभावकों में बेचैनी बढ़ने लगी। जब सेंटर प्रशासन से इस देरी का कारण पूछा गया, तो हैरानी की बात यह सामने आई कि “परीक्षा अभी शुरू ही नहीं हुई है।”
छात्रों की पीड़ा:
भीषण गर्मी में घंटों सेंटर में बैठे छात्रों को न तो किसी प्रकार की जानकारी दी गई, न ही उन्हें बाहर आने दिया गया। यह न केवल मानसिक तनाव का विषय है, बल्कि इससे छात्रों के प्रदर्शन पर भी सीधा प्रभाव पड़ सकता है।
अभिभावकों का आक्रोश:
बाहर खड़े परिजन खासे नाराज़ नजर आए। एक अभिभावक ने कहा,
“हम सुबह 5 बजे से निकल कर यहां पहुंचे हैं। बच्चों को भूखे-प्यासे बैठा दिया गया है और परीक्षा कब होगी कोई नहीं जानता। ये सरासर अन्याय है।”
प्रशासन से सवाल:
क्या परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था जवाबदेह नहीं है?
क्या छात्रों की मानसिक स्थिति और समय का कोई मोल नहीं?
आखिर परीक्षा में इतनी भारी चूक कैसे हो गई?
निष्कर्ष:
देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक एम्स की परीक्षा में ऐसी लापरवाही कई सवाल खड़े करती है। छात्रों और अभिभावकों के साथ यह व्यवहार अस्वीकार्य है। यह ज़रूरी है कि प्रशासन इस मामले का संज्ञान ले और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।
लखनऊ एम्स एग्जाम में 1.5 घंटे की देरी आखिर क्यों? तकनीकी खामी या प्रशासनिक लापरवाही!
छात्रों का समय, मनोबल और भरोसा—तीनों से खिलवाड़
तो आखिर परीक्षा में देरी की वजह क्या थी?
1. तकनीकी खामी:
कई बार सर्वर डाउन, नेटवर्क फेलियर या प्रश्नपत्र अपलोड न होना जैसी तकनीकी परेशानियां परीक्षा शुरू होने में देरी कर देती हैं।
अभिभावकों का आक्रोश बढ़ा, पुलिस को बुलाना पड़ा
स्थिति तनावपूर्ण होती देख मौके पर पहुंचे खरगापुर चौकी इंचार्ज अभय कुमार सिंह , एस.आई बृजेश त्रिपाठी , सुनील कुमार ने मोर्चा संभाला। उन्होंने मौके का जायजा लिया, लोगों को शांत किया और यह सुनिश्चित किया कि परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।
उनकी तत्परता और संवेदनशीलता से माहौल शांत हुआ और सेंटर के बाहर खड़े लोगों को कुछ राहत मिली।
लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि-
जब सेंटर पर सुबह से भीड़ थी, जब परीक्षा बड़े स्तर पर आयोजित हो रही थी, तो पुलिस को पहले से सूचना क्यों नहीं दी गई?
