उत्तर-प्रदेश

प्लास्टिक्स से Know प्लास्टिक्स विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर महत्वपूर्ण कदम हैः- प्रोफेसर शिशिर सिन्हा

केन्द्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट), लखनऊ के अमौसी स्थित परिसर में “Advancement in Petrochemical Sector & Empowering Sustainable Development Leading to “Viksit Bharat” (APM-2025)” विषय पर 16वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का Sabse दिनांक 8 मार्च से 10 मार्च 2025 तक किया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर सिपेट परिसर के सभागार में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के मीडिया जगत के प्रतिनिधि, अन्य राष्ट्रीय संस्थानों से आये प्रतिनिधि, सिपेट मुख्यालय एवं विभिन्न सिपेट केन्द्रों से आये हुए केन्द्र प्रमुख एवं प्रतिनिधि तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। प्रोफेसर शिशिर सिन्हा, महानिदेशक सिपेट द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर संचालित सिपेट केन्द्रों की गतिविधियों, पाठ्यक्रम तथा वैश्विक स्तर पर सिपेट के योगदान से रूबरू कराते हुए प्रेस वार्ता का आरंभ किया गया। अपने उद्बोधन में प्रोफेसर शिशिर सिन्हा, महानिदेशक द्वारा मीडिया कर्मियों से बात करते हुए “No प्लास्टिक्स से Know प्लास्टिक्स” के अभियान को विश्वव्यापी बनाने का आग्रह करते हुए उत्कृष्ट प्लास्टिक्स प्रबंधन पर जोर दिया तथा इसमें समग्र भागीदारी का आहवान किया। इसके पश्चात् सिपेट लखनऊ में आयोजित होने जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन (APM-2025) के बारे में जानकारी देते हुए मीडिया जगत को अवगत कराया की यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सिपेट संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन है जोकि वैश्विक स्तर पर पद्म भूषण एवं पद्म श्री तथा ख्यातिलब्ध शिक्षाविद्, विषय विशेषज्ञ, शोधार्थी, उद्यमी एवं युवा शोधविद्यार्थियों को एक मंच प्रदान करता है जिसमें सम्मेलन की अवधि में पॉलीमर के क्षेत्र में हुई प्रगति, शोध, नवाचार एवं उन्नत तकनीक पर मंथन, प्रस्तुतिकरण उपरांत एक निचोड तैयार होता है, जो देश में समग्र विकास में पॉलीमर सेक्टर के योगदान की कार्ययोजना का सशक्त आधार बनता है।

अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए प्रोफेसर शिशिर सिन्हा द्वारा बताया गया कि इस आयोजन में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों जैसे कि आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, सीएसआईआर, डीआरडीओ और मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी (यू.एस.ए), यूनिवर्सिटी ऑफ सस्केचेवान (कनाडा), टीसाइड यूनिवर्सिटी (यू.के.) के साथ-साथ राज्य में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालय, देश के विभिन्न राज्यों में स्थित सिपेट केन्द्रों से लगभग 100 विषय विशेषज्ञ एवं 200 से अधिक शोधार्थी सीओ 2 न्यूनीकरण, नैनोटेक्नालॉजी एकीकरण, बॉयो आधारित पॉलीमर, पूर्नचक्रण तकनीक, एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग तकनीक आदि जैसे विषयों पर अपने व्याख्यान, शोधपत्र एवं पोस्टर प्रस्तुतिकरण करेंगे। अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन (APM-2025) में उद्यमी सम्मेलन, भूतपूर्व छात्र मिलन, तकनीकी प्रतियोगिता जैसे नवीन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

इसके पश्चात् मीडिया जगत से आये पत्रकारों एवं प्रतिनिधियों तथा अन्य राष्ट्रीय संस्थानों से आये हुए प्रतिनिधियों द्वारा पत्रकार वार्ता में पूछे गये प्रश्नों का उत्तर देते हुए प्रोफेसर शिशिर सिन्हा, महानिदेशक सिपेट द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला गया साथ ही सिपेट द्वारा आयोजित इस 16वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में नवाचार के रूप में प्रदेश के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगिताओ के माध्यम से शामिल कर उन्हें प्लास्टिक प्रबंधन एवं नवाचार के प्रति जागरूक करने की मुहिम का आरंभ किया गया। इस अवसर पर सिपेट एवं गतिशक्ति विश्वविद्यालय, बडोदरा, मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज एवं डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किया जायेंगें।

भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद से आये प्रतिनिधि श्री निशांत जोशी द्वारा सुझाव दिया गया कि अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के विषय को पॉलीमर एवं पेट्रोरसायन क्षेत्र तक सीमित न करते हुए इसके विषय क्षेत्र को विस्तृत किया जाये जिससे विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षाविद्, विषय विशेषज्ञ, शोधार्थी, उद्यमी एवं युवा शोधार्थी भी इसमें शामिल हो सकें। जिसपर प्रोफेसर शिशिर सिन्हा, महानिदेशक सिपेट द्वारा मंच से घोषणा की गयी कि आगामी अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में इस सुझाव पर विचार कर शामिल किया जायेगा।

प्रेस वार्ता के अन्त में श्री विवेक कुमार, केन्द्र प्रमुख, सिपेट लखनऊ द्वारा प्रेस वार्ता में पधारे प्रदेश के मीडिया जगत के प्रतिनिधि, अन्य राष्ट्रीय संस्थानों से आये प्रतिनिधि, सिपेट मुख्यालय एवं विभिन्न सिपेट केन्द्रों से आये हुए केन्द्र प्रमुख एवं प्रतिनिधि तथा छात्र-छात्राओं का आभार प्रकट किया गया।

Lahar Ujala

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