उत्तर-प्रदेश

नगरपालिका ने चिन्हित की 133 इमारतें, जिनसे कभी भी हो सकता है अलाया जैसा हादसा

लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट जैसा हादसा उन्नाव में कभी भी हो सकता है। यहां पर जर्ज़र और खतरनाक ईमारतों की संख्या बहुतायत में है। अकेले उन्नाव शहर में ही जर्जर हो चुकी ईमारतों की संख्या डेढ़ सैकडा के आसपास है। यहाँ तक नगर पालिका ने 133 ऐसी इमारते चिन्हित की है जो किसी भी समय हादसे का कारण बन सकती है।

लख़नऊ का अलाया जैसे हादसे आंख खोलने वाले हैं। लेकिन क्या वाकई इन हादसो से जिम्मेदार और लोग सबक ले रहे है। इसकी सही हकीकत देखना है तो शहर के हार्ट ऑफ द सिटी कहे जाने वाले उन्नाव शहर की सबसे व्यस्त जगह बड़ा चौराहा पर। यहाँ हर समय हजारों लोग मौजूद रहते हैं।

यहां जर्जर बिल्डिंग की तस्वीरें डराने वाली है। यह 100 वर्ष से भी अधिक पुरानी बताई जा रही है। इस इमारत में आधा दर्जन से अधिक दुकाने हैँ। लगभग तीन महीने पहले इस ईमारत का छज्जा गिरने से आधा दर्जन लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे। ईमारत के आसपास दुकान लगाए दुकानदार भी डरे सहमे रहते है उनको हर समय डर लगा रहता है लेकिन रोजीरोटी के लिए जान खतरे में डाल कर धंधा करने को मजबूर हैं।

उन्नाव शहर में लगभग 135 ईमारते हैं जो जर्जर हैं। सभी को नोटिस दी गई है। कहा गया है कि स्वयं अपनी ईमारते गिरा लें। नहीं तो नगरपालिका अपने संसाधनों से इमारतें गिरवायेगी उसका वहन भी लेगी। लेकिन कोई सुनने को तैयार नही है।

उन्नाव में जर्जर और खतरनाक इमारतों की भरमार है। अकेले उन्नाव शहर नगरपालिका के आंकड़ों में ऐसी 133 इमारतें हैं जो कभी भी गिर सकती। फिलहाल नगरपालिका ईमारतों के मालिकों को नोटिस देकर खानापूर्ति करने में लगा है। पालिका चाहे तो कड़ी कार्यवाही करा सकता है।

रिपोर्ट- आकाश गुप्ता
Lahar Ujala

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button