उत्तर-प्रदेशबड़ी खबर

आजमगढ़ लोकसभा सीट से परिवार के सदस्य को उतार सकते हैं अखिलेश यादव

विधानसभा के चुनाव में आजमगढ़ जिले की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव सोमवार को आचानक आजमगढ़ पहुंचे और पार्टी के पदाधिकारियों से मुलाकात की. वहीं मंगलवार को उन्होंने संसद सीट से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के बाद सवाल उठ रहा है कि अखिर समाजवादी पार्टी के गढ़ आजमगढ़ व मुलायम सिंह यादव की विरासत को कौन संभालेगा? परिवार के लोग या फिर जिले का कोई नेता? फिलहाल इसको लेकर पार्टी में भी मंथन शुरू हो गया है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के आचानक दौरे पर निकले थे, जहां वह सबसे पहले अतरौलिया में सेनपुर स्थित आवास पर पहुंचे. यहां उन्होंने पार्टी के महासचिव व पूर्व मंत्री बलराम यादव व विधायक डा. संग्राम से मुलाकात की. इसके बाद वे नगर में स्थित विधायक दुर्गा प्रसाद यादव के आवास पर पहुंचे. यहां उन्होने घंटों अपने सभी दस नवनिर्वाचित विधायकों व पदाधिकारियों के साथ बैठक की. सूत्रों ने बताया कि अखिलेश यादव ने जहां एमएलसी चुनाव को जीतने की रणनीति बनाई वहीं नेताओ व पदाधिकारियों को विश्वास में लिया कि वह आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्तीफा दे रहे हैं.

2014 में मुलायम सिंह यादव जीते थे

सपा के गढ़ आजमगढ़ संसदीय सीट पर वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के प्रत्याशी रहे रमाकांत यादव को 63,204 वोटों से शिकस्त दी थी. मुलायम सिंह यादव को 340,306 वोट मिले थे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन के बाद उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट लोकसभा सीटों में से एक आजमगढ़ संसदीय सीट सपा के खाते में गई. सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी प्रत्याशी और भोजपुरी सिने स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को 259,874 मतों के अंतर से हराकर पिता की विरासत संभाली थी. अखिलेश को कुल छह 621,578 वोट मिले, जबकि निरहुआ के खाते में 361,704 वोट आए.

डिंपल यादव को सपा उतार सकती है मैदान में

अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद अब 6 माह में उपचुनाव होना तय है. लेकिन जिले में इस बात पर चर्चा है कि आखिर विरासत को कौन संभालेगा. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अगर अपने परिवार से किसी को उपचुनाव में मैदान में उतारते हैं तो सबसे पहला नाम पत्नी डिंपल यादव का होगा. वहीं धर्मेन्द्र यादव भी रेस में हैं. अगर परिवार से कोई मैदान में नहीं उतरा तो फिर आजमगढ़ जिले से दो विधायक रेस में शामिल है, जिसमें सबसे पहला नाम है फूलपुर पवई विधानसभा सीट से बाहुबली विधायक रमाकांत यादव और दूसरा नाम है सदर सीट से नौवीं बार नवनिर्वाचित विधायक दुर्गा प्रसाद यादव है.

वहीं जनपद के लोगों की राय है कि समाजवादी पार्टी ने जिले के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी, यही कारण है कि साल 2022 के चुनाव में यहां के लोगों ने सपा पर भरोसा किया और सभी दस सीटों पर सपा की जीत तय हुई. लोगों का कहना है कि अगर अखिलेश यादव अपने परिवार से किसी को चुनावी मैदान में उतारें तो यहां के लोगों को खुशी होगी.

Lahar Ujala

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button