कोरोना निरोधी नकली वैक्सीन के निर्माण से हड़कंप, दिल्ली से जुड़े तार, STF ने करोड़ों का माल जब्त किया
दुनिया जब कोरोना सी बेरहम महामारी से जूझ रही हो. लोगों को अपनी और अपनों की जान बचाने के लाले पड़े हों. दुनिया भर के मशहूर वैज्ञानिक दिन-रात कोविड-19 को हराने की कोशिशों में जुटे हों. ऐसे नाजुक वक्त में भी मगर अकूत दौलत कमाने की धुन में अंधे हुए ठग, कोरोना निरोधी नकली वैक्सीन बनाने से बाज नहीं आए. इसका सनसनीखेज खुलासा तब हुआ जब, उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स एक्शन में आई. इस भांडाफोड़ के दौरान जब्त की गई नकली कोरोना वैक्सीन में कोविशील्ड और जाइकोव डी जैसे मशहूर कोरोना वैक्सीन नाम भी शामिल हैं.
एडीजी एसटीएफ ने कहा, “देश में इस तरह से कोरोना निरोधी नकली वैक्सीन बनाने के अड्डे का भांडाफोड़ होने का शायद यह पहला बड़ा मामला भी साबित हो सकता है. जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उन ठगों से आगे की लंबी पूछताछ किया जाना अभी जारी है. यह गैंग यूपी के वाराणसी जिले में यह घिनौना काम कर रहा था. एसटीएफ की फील्ड यूनिट ने जिले के थाना लंका इलाके में छापा मारा तो वहां पर नकली कोरोना जांच किट और कोविड-19 निरोधी वैक्सीन के निर्माण/उत्पादन की बात पता चली.”
गिरफ्तार जालसाजों के अड्डे से यह मिला
यूपी पुलिस एसटीएफ एडिश्नल डायरेक्टर जनरल ने आगे कहा, “इस जघन्य अपराध में राकेश थवानी, संदीप शर्मा, अरुणेश विश्वकर्मा (तीनों वाराणसी निवासी), लक्ष्य जावा (नई दिल्ली मालवीय नगर का निवासी), शमसेर (निवासी बलिया, यूपी) यानी पांच ठगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके कब्जे से एसटीएफ टीमों को नकली कोविशील्ड तैयार वैक्सीन, नकली जाइकोव डी वैक्सीन, पैकिंग मशीन, खाली वायल, स्वाब स्टिक आदि बड़ी संख्या में जब्त की गई हैं.”
एसटीएफ द्वारा इस अड्डे का भांडाफोड़ किए जाने के बाद चल रही पूछताछ में मुख्य आरोपी और इस काले कारोबार के मास्टरमाइंड राकेश थवानी ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैे. जिनके मुताबिक गिरफ्तार आरोपी संदीप शर्मा, अरुणेश विश्वकर्मा और शमसेर के साथ मिलकर. यह गैंग नकली कोरोना टेस्टिंग किट और नकली कोरोना संक्रमण से बचाव में इस्तेमाल की जा रही वैक्सीन का निर्माण करता था.
करोड़ों का जब्त माल दिलाएगा सजा
यह नकली वैक्सीन और कोरोना जांच किट्स की आपूर्ति गैंग के सदस्य नई दिल्ली निवासी लक्ष्य जावा को कर देते थे. मतलब लक्ष्य जावा की आगे इस जानलेवा नकली वैक्सीन और नकली कोरोना किट को कोरोना पीड़ितों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी. लक्ष्य जावा देश के तमाम राज्यों में इस खतरनाक नकली मटीरियल को सप्लाई अपने पहले से तय अड्डों पर करता था.
उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स के प्रमुख आईपीएस अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश कहते हैं, “इस बड़े अड्डे को नेस्तनाबूद करने से मौके पर बरामद नकली माल की औसत कीमत 4 करोड़ रूपए है. इस सभी नकली वैक्सीन और कोरोना टेस्ट किट्स को सील कर लिया गया है. जिसे आरोपियों को सजा दिलाने के दौरान कोर्ट में बतौर माल-जब्ती पेश किया जाएगा. ताकि मुलजिमों को मुजरिम करार दिलवाकर उन्हें अधिकतम सजा दिलवाई जा सके.”