योगी सरकार देने जा रही है यूपी मदरसा बोर्ड के छात्रों को तोहफा, देश-विदेश में खुलेंगे नौकरी के दरवाजे
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के हजारों मदरसा बोर्ड (UP Madrasa Education Board) के छात्रों को बड़ा तोहफा देने जा रही है. जिसके तहत राज्य के मदरसा बोर्ड से पढ़ने वाले छात्रों को देश और विदेशों में नौकरी मिलने में आसानी होगी. योगी सरकार के इस प्रयास के बाद मदरसा बोर्ड के छात्र सेना के साथ ही विदेशों में भी नौकरी पा सकें. इसके साथ ही वह देश के अन्य राज्यों में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के अध्यक्ष कैफुल वरा ने कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से पढ़ने वाले छात्रों को नए साल में बड़ा तोहफा देने जा रही है और राज्य सरकार के इस फैसले राज्य के हजारों मदरसा छात्रों के लिए नौकरी के दरवाजे खुलेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य के करीब 17 हजार मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को सेना सहित विभिन्न सेवाओं में सरकारी नौकरी मिल सकेगी और वह विदेशों में उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश ले सकेंगे. जबकि अभी तक यूपी के मदरसा छूत्रों को ये सुविधा नहीं मिल सकी थी.
कोब्से में होगा मदरसा बोर्ड का रजिस्ट्रेशन
वरा ने कहा कि पिछली सरकारों की अनदेखी के कारण यूपी मदरसा बोर्ड का कोब्से में रजिस्ट्रेशन न हो सका था और इसके कारण मदरसा छात्र राज्य से बाहर की नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन अब जल्द ही मदरसा छात्रों की डिग्री की देश विदेश में मान्यता होगी. ‘हिन्दुस्तान’ में छपी खबर के मुताबिक उन्होंने कहा कि यूपी मदरसा बोर्ड का अब बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन ऑफ इंडिया (COBSE) में पंजीकरण होगा. इसकेबाद मदरसा बोर्ड के छात्रों के लिए सेना के साथ-साथ केंद्र और अन्य राज्य सरकारों में नौकरी के दरवाजे खुलेंगे और वह सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन के बाद मदरसा बोर्ड को अंतरराष्ट्रीय स्तर मान्यता मिल सकेगी और यूपी के मदरसा छात्र विदेशों में भी पढ़ाई कर सकेंगे.
2007 में हुआ बोर्ड का गठन
दरअसल मदरसा बोर्ड का गठन 2007 में हुआ था और राज्य की पिछली सरकारों ने कोब्से रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था. वरा का कहना है कि रजिस्ट्रेशन न होने के कारण यहां के छात्र अन्य राज्यों में आवेदन नहीं कर पा रहे थे और पिछले सरकारों ने वोट की राजनीति की, मुसलमानों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया.