राहुल गांधी ने इशारों में केंद्र पर कसा तंज, कहा- भारत जल्द ही ‘नफरत और गुस्से के चार्ट’ में टॉप पर पहुंच सकता है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि भारत जल्द ही ‘नफरत और गुस्से के चार्ट’ में शीर्ष पर पहुंच सकता है. राहुल गांधी ने एक ट्वीट में हंगर, फ्रीडम और हैपीनेस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग शेयर की और अप्रत्यक्ष रूप से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर हमला किया. भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 101वें, फ्रीडम में 119वें और हैपीनेस के मामले में 136वें स्थान पर है. जीएचआई के अनुसार 27.5 के स्कोर के साथ भारत में भूख का स्तर गंभीर है. बेलारूस उन 18 देशों में से एक है, जिनका जीएचआई स्कोर 5 से कम है.
2021 ह्यूमन फ्रीडम इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार भारत 165 देशों में से 119वें स्थान पर था. फिनलैंड को लगातार पांचवें साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश घोषित किया गया है, जबकि अफगानिस्तान को सबसे नाखुश के रूप में स्थान दिया गया है. इसके बाद लेबनान का स्थान है.
Hunger Rank: 101
Freedom Rank: 119
Happiness Rank: 136But, we may soon top the Hate and Anger charts! pic.twitter.com/pJxB4p8DEt
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 19, 2022
राहुल गांधी ने बीजेपी पर लगाया नफरत की राजनीति फैलाने का आरोप
राहुल गांधी ने बीजेपी पर नफरत की राजनीति फैलाने का आरोप लगाते हुए लगातार हमला बोला है. इस तरह की राजनीति को राष्ट्र के लिए हानिकारक बताते हुए वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने जनता से विधानसभा चुनाव में इस नफरत की राजनीति को हराने का आग्रह किया था. हालांकि बीजेपी ने पांच में से चार राज्यों में जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस का सफाया हो गया और आम आदमी पार्टी से पंजाब भी हार गई. पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने लोगों के फैसले को स्वीकार किया और जीतने वाली पार्टियों को बधाई दी.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि विनम्रता से लोगों के फैसले को स्वीकार करें. जनादेश जीतने वालों को शुभकामनाएं. मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और वॉलिंटियर्स को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए धन्यवाद देता हूं. हम इससे सीखेंगे और भारत के लोगों के हितों के लिए काम करते रहेंगे. प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी के कई रैलियां करने के बावजूद पंजाब में कांग्रेस का सफाया हो गया और उत्तर प्रदेश उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में वो सत्ता हथियाने में विफल रही.