हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटे विनय शंकर और कुशल तिवारी कल सपा में होंगे शामिल
हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटे विनय शंकर और कुशल तिवारी कल सपा में शामिल होंगे. पूर्वांचल की सियासत में ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी का परिवार बसपा छोड़कर सपा के नाता जोड़ने वाला है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हरिशंकर तिवारी के परिवार की सपा में एंट्री से पूर्वांचल की राजनीतिक पर बढ़ा प्रभाव पड़ेगा. इससे सिर्फ बसपा ही नहीं बीजेपी की राजनीति पर भी प्रभाव पड़ेगा.
सपा में शामिल होने की संभावनाएं के बीचे हरिशंकर परिवार को बीएसपी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे विधायक विनय शंकर तिवारी और बड़े बेटे पूर्व सांसद कुशल तिवारी और भतीजे गणेश शंकर पांडे को बीएसपी ने निष्कासित कर दिया है. हरिशंकार तिवारी परिवार अब सपा में शामिल होने जा रहा है. इससे पूर्वांचल में बीएसपी के साथ-साथ बीजेपी के लिए भी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
सपा को होगा फायदा
पूर्वाचंल की राजनीति ब्राह्मण बनाम ठाकुर है. इसी के साथ हरिशंकर तिवारी और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच की राजनीतिक जंग भी किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में तिवारी परिवार के सपा में शामिल होने से अखिलेश यादव को पूर्वांचल में ब्राह्मण चेहरा मिल गया है. हरिशंकर तिवारी को सीएम योगी के विरोधी नेता के तौर पर जाना जाता है.
सीएम योगी से है छत्तीस का आकंड़ा
विधानसभा चुनावों में विपक्षी दल योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी के तौर पर स्थापित करने में जुटा है. ब्राह्मण बनाम ठाकुर की राजनीति के बीचे हरिशंकर तिवारी परिवार का सपा में जाने से पूर्वांचल के समीकरण बदल सकते हैं. ये इलाका ब्राह्मण बहुल माना जाता है और हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल में ब्राह्मणों का बड़ा चेहरा है.
जानकारी के अनुसार अस्सी के दशक में हरिशंकर तिवारी का पूर्वांचल में वर्चस्व था. सीएम योगी के साथ उनके छत्तीस के आंकड़े रहे हैं. योगी के सीएम बनने के बाद गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी के आवास पर पुलिस ने छापेमारी की थी. इसे बदली की कार्रवाई के तौर पर देखा गया था. इस घटना के खिलाफ ब्राह्मण समाज के लोगों ने गोरखपुर की सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था.