CM योगी ने बलरामपुर को बताया अटल जी और नानाजी देशमुख की कर्मभूमि, बोले- यह प्रदेश में ‘सिंचाई क्रांति’ के नए अध्याय की शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शनिवार को सरयू नहर परियोजना का उद्घाटन बलरामपुर के हंसुआडोल गांव में करेंगे. इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि . यह लाखों किसानों के जीवन में ‘नई खुशहाली’ लाने के साथ प्रदेश में ‘सिंचाई क्रांति’ के नए अध्याय का सृजन करेगी.
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार अपराह्न एक बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे. पीएम मोदी सबसे पहले राज्यपाल और सीएम के साथ सरयू नहर परियोजना से संबंधित मॉडल का निरीक्षण करेंगे. यहीं से प्रधानमंत्री बटन दबाकर देश की सबसे बड़ी सिंचाई परियेाजना का शुभारंभ करेंगे. वहीं उद्घाटन से पहले सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर-कमलों से आज श्रद्धेय अटल जी की कर्मस्थली बलरामपुर में लगभग एक हजार करोड़ की ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ का उद्घाटन होने जा रहा है. यह लाखों किसानों के जीवन में ‘नई खुशहाली’ लाने के साथ प्रदेश में ‘सिंचाई क्रांति’ के नए अध्याय का सृजन करेगी.
ग्राम विकास के प्रणेता राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की कर्मभूमि जनपद बलरामपुर में राष्ट्र को समर्पित होने जा रही 'सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना' उ.प्र. में समृद्धि के नव प्रवाह का माध्यम बनेगी।
लगभग 30 लाख से अधिक किसानों की दशकों पुरानी साध को पूर्ण करने के लिए आभार प्रधानमंत्री जी!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 11, 2021
बलरामपुर- ग्राम विकास के प्रणेता राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की कर्मभूमि
सीएम योगी ने साथ ही नानाजी देशमुख का भी जिक्र किया. सीएम ने आगे लिखा कि ग्राम विकास के प्रणेता राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की कर्मभूमि जनपद बलरामपुर में राष्ट्र को समर्पित होने जा रही ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ उत्तर प्रदेश में समृद्धि के नव प्रवाह का माध्यम बनेगी. लगभग 30 लाख से अधिक किसानों की दशकों पुरानी साध को पूर्ण करने के लिए आभार प्रधानमंत्री जी!
1978 में हुई थी परियोजना की शुरूआत
वहीं पीएमओ के मुताबिक, इस परियोजना पर काम की शुरुआत 1978 में हुई थी लेकिन बजट आवंटन, संबंधित विभागों के बीच समन्वय और उपयुक्त निगरानी के अभाव में इसमें देरी हुई और लगभग चार दशकों तक यह जमीन पर नहीं उतर सकी. पीएमओ ने कहा कि किसानों के कल्याण और उनके सशक्तिकरण के साथ ही राष्ट्रीय महत्व की लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करने की प्रतिबद्धता की वजह से प्रधानमंत्री ने इस परियोजना पर अपना ध्यान केंद्रित किया. इस परियोजना को पूरा करने के मकसद से मोदी साल 2016 में इसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ले आए और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया.