किसानों ने खाली किया सिंघु बॉर्डर, राकेश टिकैत बोले- सभी प्रदर्शन ख़त्म करवाकर 15 दिसंबर को घर जाएंगे
नए कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों के खिलाफ अपने साल भर के आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा के बाद किसानों ने शनिवार सुबह सिंघु बॉर्डर खाली कर दिया है. टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर को भी किसानों ने खाली करना शुरू कर दिया है. गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सुबह 10 बजे विजय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसके बाद सभी किसान घर लौटना शुरू कर देंगे. सिंघु बॉर्डर से लौट रहे किसान स्पीकर पर गाने बजाकर डांस कर रहे हैं और मिठाईयां भी बांट रहे हैं.
Delhi: Farmers vacate the Singhu border area after announcing to suspend their year-long protest against the 3 farm laws & other related issues. pic.twitter.com/dFUhsviFVT
— ANI (@ANI) December 11, 2021
आंदोलन समाप्त नहीं किया है बल्कि स्थगित
कृषि कानून की वापसी के बाद भी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई मांगों को लेकर धरने पर जमे रहे थे. लेकिन अब सरकार ने एक चिट्ठी भेजकर उनकी सभी मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है. संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर साल भर सरकार से वार्ता करते रहे. संयुक्त किसान मोर्चा की माने तो उन्होंने आंदोलन समाप्त नहीं किया है, बल्कि स्थगित किया है. अगर सरकार अपने वायदे से पीछे हटती है कि तो किसान फिर से दिल्ली में अपनी धमक दिखा सकते हैं.
हरियाणा में ट्रैफिक इंतजाम
किसानों की वापसी को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने व्यापक ट्रैफिक इंतजाम किया है. हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि रास्ते में पड़ने वाले सभी जिलों के एसपी को ट्रैफिक, सुरक्षा और कानून व्यवस्था को संभालने कहा गया है. अंबाला, बहादुरगढ़, हिसार और जींद में खास सुरक्षा बरती जा रही है.
हरियाणा पुलिस ने कहा, ‘यह उम्मीद की जाती है कि कुंडली और टिकरी सीमाओं के किसान सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, झज्जर, रोहतक, जींद, हांसी, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों से गुजरते हुए पंजाब के अलग-अलग स्थानों तक जाएंगे. इसे ध्यान में रखते हुए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी यात्राएं उसी तरह से प्लान करें.
मुक़दमे होंगे वापस
आंदोलन की सार्थक समाप्ति के बाद किसानों का जोश हाई है, क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान हकों की लड़ाई जारी रखने का तेवर दिखाकर धरने को समाप्त किया है. केंद्र सरकार ने पत्र भेजकर किसानों को भरोसा दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकार ने जिस कमेटी को बनाने का ऐलान किया है, उसमें केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के अलावा संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य खासतौर पर शामिल होंगे.
1 साल के धरने के दौरान यूपी, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में दर्ज मुकदमों और केंद्र की एजेंसियों द्वारा दर्ज केस वापस लिया जाएगा. हरियाणा और यूपी सरकार ने मुआवजे पर सैद्धांतिक सहमति दी है और पंजाब सरकार ने इसका ऐलान किया है. पराली जलाने पर बनने वाले कानून में किसानों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं करने के प्रावधान होंगे.