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गोरखपुर में बोले केंद्रीय शिक्षा मंत्री, कोरोना भी एक प्रकार का हो सकता है जैविक युद्ध, शहीद रावत ने दी थी चेतावनी

गोरखपुर: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि देश और दुनिया में कोरोना और ओमीक्रोन के फैलने के पीछे बायोलॉजिकल युद्ध जैसी तस्वीर दिखाई देती है. उन्होंने कहा कि ऐसी बातें पूर्व सेनाध्यक्ष व दिवंगत CDS बिपिन रावत ने भी कही थीं. उन्होंने कहा कि आज इसके शोध में वैज्ञानिक जुटे हैं. लेकिन इससे बचने की कोशिश हम सभी को करनी है.

उन्होंने कहा कि गोरखपुर को एम्स की सौगात मिला है. यह एक बड़ी उपलब्धि है. गोरखपुर के विकास में उन्होंने खाद कारखाने में अपने योगदान की चर्चा करते हुए कहा उसमें पहुंचने वाली गैस का प्रोजेक्ट उनके मंत्रालय का कार्य था. आज घर-घर पाइप लाइन के जरिए गैस पहुंच रही है. आज लोगों को लकड़ी की व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी और न ही गैस का इंतजार करना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि आज लोग सुविधा से अपने घर में गैस पाइपलाइन के जरिए खाना बना रहे होंगे. उन्होंने गोरखपुर को विशेष शिक्षा का क्षेत्र बनाए जाने की भी बात कही. केंद्रीय मंत्री ने समस्याओं के समाधान का केंद्र गोरखपुर को बनाने और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के गठन के लिए महंत दिग्विजय नाथ के प्रयासों की जमकर तारीफ किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में दिग्विजय नाथ के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.

उन्होंने अंग्रेजों के शासनकाल में गोरखपुर से शुरू किया और 50 शिक्षण संस्थान आज उसके बल पर खड़े हैं और योगी आदित्यनाथ की देखरेख में अब नया मुकाम हासिल कर रहे हैं. प्रतिभा को मंच दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि नया भविष्य हमारे सामने देख पाए उसके लिए उन्होंने शिक्षा संस्थान भी बनाए. उन्होंने कहा मित्रों इस बीच में नई शिक्षा नीति देश में आई है. जिसपर भी हमें काम करना है. महामहिम राष्ट्रपति जी के उपस्थिति में महागुरु योगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी की भी यहां स्थापित हुई है, जो शिक्षा के क्षेत्र में इस क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है.

वहीं, पिछले वर्ष महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने आए CDS बिपिन रावत को भी धर्मेंद्र प्रधान और सीएम योगी समेत उपस्थित समूह ने याद किया और दो मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा आज यहां से उन्हें पुष्पांजलि देकर लड़ाकू सेनापति के प्रति मन भर रहा है. ठीक एक साल पहले ही इस मंच पर वो थे, इसलिए अपने आप को वह सौभाग्यशाली मानते हैं.

Lahar Ujala

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