कैबिनेट ने PM आवास योजना ग्रामीण को 2024 तक जारी रखने की दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में दो बड़े फैसले हुए. कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G Scheme) को 2024 तक जारी रखने को मंजूरी दी है. वहीं, केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, सरकार ने PM आवास योजना- ग्रामीण के तहत 2.95 करोड़ पक्के मकान देने का लक्ष्य रखा है. इसमें से नवंबर 2021 तक 1.65 करोड़ पक्के आवास बनाकर दे दिए गए हैं. इनको मकान बनाने का पैसा जारी कर दिया गया है. बाकी बचे परिवार भी अपने पक्के मकान बना सकें. इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को 2024 तक जारी रखने को मंजूरी दी गई है.
अब तक कितना हुआ खर्च
अनुराग ठाकुर ने कहा, मार्च 2021 तक पीएम आवास योजना- ग्रामीण पर अब तक 1.97 लाख करोड़ रुपये खर्च हो चुका है. इसमें से केंद्र सरकार ने 1,44,162 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. बाकी बचे पक्के मकान को बनाने के लिए सरकार ने 2,17,257 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, ताकि 2024 तक बाकी परिवार को पक्का मकान बनाकर दिए जा सकें.
इसमें केंद्र सरकार का कुल खर्च 1,43,782 करोड़ रुपये होगा और इसमें से नाबार्ड को लोन के इंट्रेस्ट पेमेंट के लिए 18,676 करोड़ रुपये शामिल है.
यही नहीं, इस योजना के साथ-साथ पहाड़ी राज्यों को 90 फीसदी और 10 फीसदी के आधार पर पेमेंट की जाती है. जबकि बाकी केंद्र और राज्यों का 60 फीसदी और 40 फीसदी का अनुपात रहता है. केंद्र शासित प्रदेशों में इस पर 100 फीसदी पैसा खर्च किया जाता है.
शौचालय बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 12,000 रुपये दिया जाता है, जो भवन निर्माण के अलग है. इसके अलावा, मनरेगा की ओर से 90 दिन की वेज को सहायता दी जाती है. लेकिन पहाड़ी राज्यों में इसे 95 दिन का भुगतान किया जाता है.
उन्होंने कहा, इस योजना के साथ-साथ हर परिवार के लिए पक्का मकान, पानी, बिजली और शौचालय उपलब्ध करवाने का संकल्प भी पूरा होता है.
केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा, कैबिनेट बैठक ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 44,605 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. यह राष्ट्रीय परियोजना होगी और इसमें केंद्र सरकार का कुल योगदान 90 फीसदी होगा.
यह प्रोजेक्ट 8 वर्षों में पूरा किया जाएगा. कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट में केंद्र सरकार का हिस्सा 90 फीसदी यानी 39,317 करोड़ रुपये रहेगा. इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र का विकास पूर्ण गति से होगा. यहां के लोगों के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या से परेशान लोगों को काफी फायदा मिलेगा. इससे न केवल पेयजल बल्कि सिंचाई की योजना को भी लाभ मिलेगा.