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‘प्रधानमंत्री जी, इस मामले में हस्तक्षेप करिए’, दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने PM मोदी से लगाई गुहार

नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की गुहार लगाई है। राय ने आरोप लगाया कि बार-बार चिट्ठी लिखने के बावजूद केंद्र सरकार प्रदूषण के मुद्दे पर सक्रियता नहीं दिखा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जिस तरह की मेडिकल इमरजेंसी से गुजर रही है, ऐसे में स्मॉग को तोड़ने के लिए कृत्रिम वर्षा या फिर तेज हवा की जरूरत है। राय ने कहा कि लगातार चिट्ठी लिखने और अपील के बावजूद केंद्र को एक मीटिंग बुलाने की भी फुर्सत नहीं है।

‘लगातार चिट्ठी लिखी लेकिन जवाब नहीं आया’

गोपाल राय ने कहा, ‘पिछले 3 दिनों से पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण है। लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है। ग्रेप 4 के नियम लगा दिए गए हैं। हमने वाहनों के प्रदूषण को रोकने के लिए प्राइवेट से लेकर कमर्शियल वाहनों तक पर पाबंदी लगाई है। पिछले साल समय कम था लेकिन इस बार हमने अगस्त में ही जरूरत पड़ने पर आर्टिफिशियल रेन कराने की तैयारी की थी। मंजूरी और बैठक के लिए मैंने पहली चिट्ठी 30 अगस्त को लिखी, दूसरी 10 अक्टूबर को और फिर तीसरी 23 अक्टूबर को लिखी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। अक्टूबर में लंबी गुहार के बाद केंद्रीय कृषि और पर्यावरण मंत्री के साथ ऑनलाइन मीटिंग हुई।’

‘विदेश के किसी मंत्री से इतनी अपील की होती तो…’

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘आज दिल्ली एक मेडिकल इमरजेंसी से गुजर रही है। इस स्मॉग को तेज हवा या बारिश से ही तोड़ा जा सकता है। आज केंद्र में बीजेपी की एक ऐसी सरकार बैठी है जिसके मंत्री आधे भारत के द्वारा प्रदूषण झेलने, लगातार चिट्ठी लिखने और अपील के बावजूद एक मीटिंग तक नहीं बुला रहे हैं। उन्हें मीटिंग बुलाने की ही फुर्सत नहीं है मंजूरी मिलना या न मिलना तो बाद की बात है। अगर किसी विदेश के मंत्री से इतनी अपील की होती तो वह भी मीटिंग कर लेता। प्रधानमंत्री जी इस मामले में हस्तक्षेप करिए। या तो बैठक करिए या फिर इस समस्या का समाधान दीजिए। अगर समाधान नहीं है तो आर्टिफिशियल रेन के लिए बैठक कराई जाए।’

‘केंद्रीय मंत्री को मीटिंग के लिए चिट्ठी लिख रहा हूं’

राय ने कहा, ‘धुंध की चादर तभी हट सकती है जब या तो तेज हवा चले या फिर बारिश कराई जाए। मेरी बीजेपी की सरकारों से भी अपील है कि अपने यहां नियमों का पालन करवाएं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव अपना मौन व्रत तोड़ें, मीटिंग बुलाएं। दिल्ली के अंदर स्मॉग की चादर को तोड़ने और यहां के लोगों को प्रदूषण से मुक्त दिलाने के लिए अब कृत्रिम वर्षा या आर्टिफिशियल रेन कराने का वक्त आ गया है। मैं आज केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को कृत्रिम वर्षा कराने के लिए संबंधित विभागों के साथ इमरजेंसी मीटिंग करने के लिए चिट्ठी लिख रहा हूं।’

Lahar Ujala

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