पहली बार बनी नई शिक्षा नीति, युवाओं-छात्रों के सर्वांगीण विकास का हुआ मार्ग प्रशस्त : योगी
गोरखपुर। 89वीं महाराणा शिक्षा परिषद संस्थापक समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार नई शिक्षा नीति लागू की है। इसके लागू होने से भारत के युवाओं, छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास की राह प्रशस्त हुई है।
उन्होंने कहा कि युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज ने भी शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के समक्ष महाराणा प्रताप का आदर्श रखा। इससे युवाओं में राष्ट्रभाव आरोपित करने का मार्ग खुला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संस्था खड़ी कर देना आसान है। लेकिन उस संस्था की जीवंतता ही उसकी पहचान होती है। जीवंतता को बनाये रखने के लिए साधना करनी पड़ती है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की हर संस्था इसी जीवंतता को बनाये रखने का कार्य किये हुए हैं। इससे जुड़ा हर व्यक्ति की साधना से यह संभव हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिमाचल प्रदेश और गोरखपुर के संबंधों को बहुत नजदीकी बताया। उन्होंने कहा कि महायोगी बाबा गुरु गोरक्षनाथ जी का गोरखपुर आगमन हिमाचल प्रदेश के कॉंगड़ा जी के स्थान से ही हुआ था। इसलिए आज भी हिमांचल प्रदेश और गोरखपुर के लोगों का आपस में बहुत लगाव है। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के यहां आने का जिक्र करते हुए कहा कि यही वजह है कि श्री ठाकुर को गोरखपुर का मूल निवासी बता रहा हूं।
उन्होंने कहा कि युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने अपने गुरु के सम्मान के लिए जिस स्कूल की स्थापना की, वही स्कूल आज महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज है। जिसमें 05 हजार से अधिक बच्चे वर्तमान में अध्ययन कर रहे हैं। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज द्वारा स्थापित व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज द्वारा पोषित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है।