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दिल्‍ली गाजीपुर बॉर्डर पर राष्‍ट्रगान गाकर किसानों ने मनाया संविधान दिवस, टिकैत बोले-अभी आंदोलन खत्‍म करने का कोई प्‍लान नहीं

किसानों के आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया और इस मौके पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमाओं पर इकट्ठा हुए. आंदोलन के एक साल पूरा होने के उपलक्ष में देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने दिल्ली चलो का आह्ववान किया था. जिसके तहत हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल हुए. दरअसल, बीते शुक्रवार को गाजीपुर बार्डर पर संविधान दिवस के मौके पर किसान नेताओं ने सभा को संबोधित करने से सबसे पहले राष्‍ट्रगान गाया है.

राकेश टिकैत बोले- आंदोलन खत्‍म करने का अभी कोई प्‍लान नहीं

गौरतलब है कि आंदोलन के एक साल पूरे होने पर राकेश टिकैत ने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसान सभा को संबधित करते हुए कहा कि, आंदोलन खत्म करने का अभी कोई प्लान नहीं है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर कानून बनाए जाने तक आंदोलन खत्म करने का कोई प्लान नहीं है. राकेश टिकैत ने मंच से ये ऐलान किया कि एमएसपी को लेकर कानून बनाना ही होगा. राकेश टिकैत ने साफ किया कि 29 नवंबर को हम ट्रैक्टर लेकर दिल्ली चलेंगे. रास्ता खुला रहा तो 500 किसान ट्रैक्टर से दिल्ली जाएंगे. उन्होंने किसानों से 10 दिन के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए कहा कि बीजेपी के लोग कहेंगे कानून वापसी तो घर वापसी. राकेश टिकैत ने कहा कि कोई कितना भी परेशान करने की कोशिश करे, आपको तैयार रहना है.

‘सरकार बात करेगी तो आगे का रास्‍ता निकलेगा’

किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, आज सभी बॉर्डरों पर लोग आएंगे और बातचीत करेंगे. अभी तो आंदोलन चल रहा है. केंद्र सरकार अगर बातचीत करेगी तो आगे का समाधान निकलेगा, वे बात ही नहीं करना चाहते हैं. बिना बात के कैसे समाधान निकलेगा.

केजरीवाल ने किसानों को किया सलाम

बता दें कि किसान आंदोलन को एक साल पूरा होने पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने कहा कि, आज किसान आंदोलन (One Year of Farmers Protest) को पूरा एक साल हो गया है. इस ऐतिहासिक आंदोलन ने गर्मी-सर्दी, बरसात-तूफ़ान के साथ अनेक साज़िशों का भी सामना किया. देश के किसान ने हम सबको सिखा दिया कि धैर्य के साथ हक़ की लड़ाई कैसे लड़ी जाती है. किसान भाइयों के हौसले, साहस, जज़्बे और बलिदान को मैं सलाम करता हूँ.

किसान पिछले एक साल से दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघू, टीकरी और गाजीपुर में डेरा डाले हुए हैं. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पिछले साल 26-27 नवंबर को ‘दिल्ली चलो’ कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ था.केंद्र ने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के अपने फैसले की घोषणा की है.

Lahar Ujala

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