छत्रपति शिवाजी की कहानी लोगों तक पहुंचाने वाले पद्म विभूषण लेखक बाबासाहेब पुरंदरे का निधन, PM ने दुख जताया
छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र को जन-जन तक पहुंचानेवाले मराठी के वरिष्ठ साहित्यकार शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे नहीं रहे. 100 वर्ष के हो चुके बाबासाहेब का पुणे के अस्पताल में 3 दिन से इलाज चल रहा था. जिसके बाद मंगलवार को आज यानी सोमवार सुबह उनका निधन हो गया. शिव शाहिर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया.
बाबासाहेब पुरंदरे का मूल नाम शिवशहर बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे था. उनका जन्म 29 जुलाई, 1922 को पुणे के सासवड में हुआ था. उनकी पत्नी का नाम निर्मला था, उनके 3 बच्चे हैं माधुरी पुरंदरे, प्रसाद पुरंदरे और अमृत पुरंदरे. बाबासाहेब की पत्नी निर्मला पुरंदरे अपने शैक्षिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध थीं और उन्हें भी ‘पुण्य भूषण’ पुरस्कार भी मिला था.
I am pained beyond words. The demise of Shivshahir Babasaheb Purandare leaves a major void in the world of history and culture. It is thanks to him that the coming generations will get further connected to Chhatrapati Shivaji Maharaj. His other works will also be remembered. pic.twitter.com/Ehu4NapPSL
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2021
पुरंदरे इतिहास और संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा शून्य छोड़ गए: PM
वहीं शिव शाहिर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मैं इस सूचना से दुखी हूं और मेरे पास शब्द नहीं हैं. बाबासाहेब पुरंदरे का निधन इतिहास और संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा शून्य छोड़ गया. उन्हीं की बदौलत आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से और जुड़ेंगी. उनके अन्य कार्यों को भी याद किया जाएगा.
बाबासाहेब की बेटी माधुरी पुरंदरे एक गायिका और लेखिका हैं. बाबासाहेब पुरंदरे की इच्छा दिल्ली के लालकिले पर शिवाजी नाटक के मंचन की थी. जिसे साल 2018 में केंद्र सरकार ने पूरा किया था. केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की ओर से 6-10 अप्रैल के बीच लालकिले पर इसका मंचन किया गया था.