कीव। भीषण लड़ाई के बाद रूस ने मंगलवार को यूक्रेन की सेना के प्रमुख गढ़ मारियुपोल पर कब्जा कर लिया। रूस की फौज ने मारियुपोल शहर का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के बाद सैकड़ों यूक्रेनी सैनिकों को अपने कब्जे वाले शहरों में भेज दिया है। इसे यूक्रेन की बड़ी हार माना जा रहा है। मारियुपोल पर रूस के नियंत्रण से युद्ध की समाप्ति की उम्मीद भी लगाई जा रही है। लंबे समय से रूस की भीषण बमबारी का सामना कर रहा मारियुपोल तबाह हो चुका है। यूक्रेन ने दावा किया है कि मारियुपोल के हजारों लोग इस युद्ध में मारे गए हैं। इस बीच जर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात कर सैन्य और मानवीय स्थिति की जानकारी ली है।
रूस ने मारियुपोल में 250 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों के समर्पण किए जाने का दावा किया है। रूस के इस दावे के उलट यूक्रेनी सेना के जनरल स्टाफ ने कहा है कि मारियुपोल का गढ़ अपने युद्ध अभियान को पूरा कर चुका है। शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने यूनिट कमांडरों को सैनिकों के जीवन की रक्षा करने का आदेश दिया है। मारियुपोल के रक्षक हमारे समय से हीरो हैं।
यूक्रेन के उप रक्षामंत्री अन्ना मल्यार ने कहा है कि 53 घायल सैनिकों को रूस के कब्जे वाले नोवोआजोवस्क, और 211 लोगों को रूस समर्थित ओलेनिवका ले जाया गया है। इनकी रूसी सैनिकों के साथ अदला-बदली होगी। यूक्रेनी सेना ने कहा कि संयत्र में करीब 600 सैनिक थे। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक ट्विट करके कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि वह अपने योद्धाओं को बचाने में कामयाब होंगे। इनमें से कई गंभीर रूप से घायल हैं। उनकी देखभाल की जा रही है। यूक्रेन अपने नायकों को जीवित रखना चाहता है। पश्चिमी सैन्य सूत्रों ने कहा है कि पुतिन इस युद्ध में कर्नल या ब्रिगेडियर की तरह निर्णय ले रहे हैं। इस बीच रूस ने आरोप लगाया है कि दुनिया की सात बड़ी आर्थिक शक्तियां (जी-7) रूस के विदेशी मुद्रा भंडार को जब्त कर यूक्रेन के नाम पर उसका इस्तेमाल कर रही हैं।