बुलंदशहर हिंसा पर 4 साल बाद आया बड़ा फैसला, बजरंग दल के योगेश समेत सभी 36 आरोपियों पर चलेगा राजद्रोह
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 2018 में हुई बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में स्थानीय अदालत ने सभी 36 आरोपियों पर राजद्रोह की धारा 124A तय करने के आदेश दिए हैं. इस घटना में एक पुलिस अधिकारी सहित दो लोग मारे गए थे. बता दें, बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र के चिंगरावटी गांव के बाहर 3 दिसंबर 2018 को गो-अवशेष मिलने पर बजरंग दल ने रास्ता जाम कर के प्रदर्शन किया था. इसी प्रदर्शन के उग्र होने पर आगजनी की घटना के साथ-साथ तत्कालीन थाना प्रभारी सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में क्षेत्र के एक युवक सुमित की भी मौत थी.
पुलिस ने मामले के संबंध में दो रिपोर्ट दर्ज की थी. पहली रिपोर्ट भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित थी. उन्होंने तब बजरंग दल के योगेश राज समेत 27 लोगों और करीब 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. वही, दूसरी रिपोर्ट गोहत्या में शामिल लोगों के खिलाफ दर्ज की गई थी. योगेश राज को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सितंबर 2019 में जमानत दी थी, जिसका मारे गए पुलिस अधिकारी की पत्नी रजनी ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया था.
सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने मई 2020 में वार्ड नंबर 5 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था. इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. जून 2019 में, सरकार ने पुलिस को आरोपियों पर राजद्रोह का आरोप भी शामिल करने के आदेश दिए. अब अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पुलिस को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दे दी है.
स्याना हिंसा में विशेष शासकीय अध्यक्ष नियुक्त किए गए यशपाल सिंह राघव ने बताया कि 36 आरोपियों पर न्यायालय ने राजद्रोह का आरोप बनाया है जिन पर अब अन्य धाराओं के साथ राजद्रोह की धारा के मामले का विचारण होगा. आरोपी योगेश राज के अधिवक्ता ब्रूनो भूषण का भी कहना है कि न्यायालय के आदेश के अनुसार मामले में पैरवी की जाएगी.