वीडियो बनाने पर भड़क गए इब्राहिमपुर थाने के एसआई ने दी पत्रकार को धमकी
हाईकोर्ट के आदेश को चैलेंज करते इब्राहिमपुर थाना एसआई
अंबेडकर नगर ।
मामला इब्राहिमपुर थाने पर तैनात एसआई रामनरेश से जुड़ा हुआ है। थाने में भैंस चोरी का मुकदमा अज्ञात के विरूद्ध पंजीकृत हुआ जिस मामले का फर्जी खुलासा और लीपापोती दरोगा साहब के द्वारा किया जाने लगा। पत्रकार साक्ष्य के लिए वीडियो बनाने लगा जो बात महोदय को ना गवार हुई।
और पत्रकार का मोबाइल छीन लिया। लेकिन मोबाइल में वीडियोग्राफी चालू होने के कारण उसके बाद का कृत्य भी रिकॉर्ड हो गया।
वीडियो बनाने पर इब्राहिमपुर थाने पर तैनात एसआई रामनरेश अपना आपा खो बैठे और एक पत्रकार को पटक कर मारने की धमकी तक दे डाली। वहीं एसओ से यह भी कहते नजर आए की साहब मैं लाइन चला जाऊंगा लेकिन अभी दो मिनट में पत्रकार को पटक के मारुंगा।समाज का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार के साथ अगर पुलिस वाले इस तरह का व्यवहार करेंगे वह स्वतंत्र होकर वह कभी काम नहीं कर पाएगा।
केअब देखना है कि एस आई के ऊपर क्या कार्रवाही होती है।आखिर एस आई साहब बताएं कि पत्रकार द्वारा वीडियो बनाना किस अपराध की श्रेणी में आता है।और वीडियो बनाने की की सजा पटक के मारना है। एस आई राम नरेश द्वारा पत्रकार को पटक के मारने की सजा कानून के किस अनुच्छेद में उन्हें अधिकार प्रदान करती है। ज्ञात हो की कल वृहस्पतिवार दोपहर 2 बजे स्थानीय इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र के पत्रकार को भैंस चोरी के एक मामले में थाने में गए इन्हे सूचना मिली थी कि भैंस चोरी के इस मामले में थाने के दरोगा रामनरेश के द्वारा फर्जी तरीके से खुलासा करते हुए लीपापोती किया जा रहा है जिसकी जानकारी पत्रकार ने वीडियो में बयान के माध्यम से दरोगा रामनरेश से जानकारी लेनी चाही इसी बात को लेकर इब्राहिमपुर थाने पर तैनात बेलागाम एसआई रामनरेश भड़क गए और पत्रकार के साथ बत्मीजी करते हुए मोबाइल फोन छीन लिया जब की पत्रकार द्वारा साक्ष्य के लिए वीडियो बनाया जा रहा था । लेकिन दरोगा इस कदर भड़क गया की सीधे थानाध्यक्ष के समक्ष पहुंचकर अपनी आपा को खोते हुए थानाध्यक्ष से कहा की साहब भले ही मुझे लाइन हाजिर होना पड़े लेकिन अभी मैं इस पत्रकार को दो मिनट में पटक कर मारूंगा जो होगा देखा जायेगा मैं इनसे परेशान हो चुका हूं ।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर दरोगा रामनरेश को पत्रकारों से किस बात की परेशानी है जो इस तरह के बत्मीजी वाली बात कहते नजर आए । क्या इनकी निगाह में पत्रकारों का कोई सम्मान नहीं या इन्हे अपने से ज्यादा अपने ऊपर के अधिकारियों पर भरोसा है की मैं कुछ भी करू मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता कही ये सबसे ज्यादा कमा कर आलाधिकारियों को देना वाला कमाऊ पूत तो नही , कुछ भी हो लेकिन जो कृत्य इन्होंने पत्रकार के साथ किया ये निंदनीय है इससे चौथे स्तम्भ को सहेज कर चलने वाले पत्रकारों के लिए एक खतरा है क्यू की अगर हर दरोगा और सिपाही इसी तरह लाइन हाजिर का हवाला देते हुए ऐसे ही कृत्य करता रहा तो पत्रकारों की स्वतंत्रता और अस्मिता के साथ साथ देश का चौथा स्तंभ खतरे में आ जाएगा ।
पीएम और सीएम का भी ऐलान आया है कि, पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000 का जुर्माना एवं पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है 3 साल की जेल पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया जाएगा। पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से नहीं मिलेगी जमानत। सीएम योगी का कहना है कि पत्रकारों को परेशानी होने पर तुरंत संपर्क कर सहायता प्रदान करें और पत्रकारों से मान-सम्मान से बात करें वरना आप को पड़ेगा महंगा।
पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज होगी FIR नही तो एसएसपी पर होगी कार्यवाही। पत्रकार नही हैं भीड़ का हिस्सा l पत्रकारों के साथ बढ़ती ज्यादती और पुलिस के अनुचित व्यवहार के चलते कई बार पत्रकार आजादी के साथ अपना काम नही कर पाते हैं, उसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए निर्देश भी दिया है कि पुलिस आदि पत्रकारों के साथ बदसलूकी ना करे।
*पत्रकार भीड़ का हिस्सा नही हैं*
किसी स्थान पर हिंसा या बवाल होने की स्थिति में पत्रकारों को उनके काम करने में पुलिस व्यवधान नही पहुँचा सकती। पुलिस जैसे भीड़ को हटाती है वैसा व्यवहार पत्रकारों के साथ नही कर सकती। विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया जायेगा। काटजू ने कहाँ कि, “जिस तरह कोर्ट में एक अधिवक्ता अपने मुवक्किल का हत्या का केस लड़ता है पर वह हत्यारा नही हो जाता है। उसी प्रकार किसी सावर्जनिक स्थान पर पत्रकार अपना काम करते हैं ।
पर वे भीड़ का हिस्सा नहीं होते। इसलिए पत्रकारों को उनके काम से रोकना मीडिया की स्वतंत्रता का हनन करना है।”
